उत्तराखंड पंचायत चुनाव: भाजपा और कांग्रेस ने शुरू की जोरदार तैयारियां, मुद्दों और रणनीति को लेकर आमने-सामने
उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी होते ही भाजपा और कांग्रेस ने अपनी-अपनी चुनावी रणनीति को अमल में लाना शुरू कर दिया है। दोनों ही प्रमुख दल पूरी ताकत के साथ चुनाव मैदान में उतरने की तैयारी कर चुके हैं।
भाजपा की रणनीति: संगठन की ताकत और सरकारी योजनाओं पर भरोसा

भाजपा ने जिला पंचायत सदस्य पदों के लिए समर्थित प्रत्याशियों के चयन हेतु पर्यवेक्षक नियुक्त कर दिए हैं। पार्टी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने शनिवार को वर्चुअल बैठक कर जिलाध्यक्षों को जिम्मेदारियां सौंपीं। उन्होंने निर्देश दिए कि पंचायत चुनावों में केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं और उपलब्धियों को प्रचार अभियान का मुख्य आधार बनाया जाए।
भाजपा ने हर पंचायत सीट पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराने का लक्ष्य तय किया है। मंडल अध्यक्षों को यह जिम्मेदारी दी गई है कि यदि किसी सीट पर पार्टी का कार्यकर्ता नहीं है, तो योग्य प्रत्याशी को समर्थन देकर मैदान में उतारा जाए।
प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर चौहान ने जानकारी दी कि चुनाव प्रबंधन के लिए प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में दो प्रवासी कार्यकर्ता नियुक्त किए गए हैं, जो पर्यवेक्षकों के साथ मिलकर प्रत्याशी चयन से लेकर प्रचार अभियान तक काम करेंगे।
कांग्रेस की रणनीति: महिला अपराध, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार को बनाया चुनावी हथियार

कांग्रेस ने पंचायत चुनाव में महिला सुरक्षा, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार जैसे जनसरोकार के मुद्दों को केंद्र में रखते हुए सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। पार्टी बूथ स्तर पर संगठन को मजबूत कर भाजपा सरकार की विफलताओं को जनता तक पहुंचाने की योजना पर काम कर रही है।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि पार्टी एकजुट होकर चुनाव लड़ेगी और वरिष्ठ नेता प्रदेशभर में प्रचार अभियान की कमान संभालेंगे। रविवार को कांग्रेस अपने प्रभारियों की घोषणा करेगी।
राजनीतिक बयानबाज़ी भी तेज
नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने भाजपा सरकार पर हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि वर्तमान सरकार ने पंचायत राज की संवैधानिक अवधारणा को नष्ट कर दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने आरक्षण संबंधी प्रावधानों और हाईकोर्ट के आदेशों की अवहेलना कर त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों की अधिसूचना जारी की है।
इसके जवाब में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कांग्रेस के बयानों को हार की पूर्वस्वीकृति बताया। उन्होंने दावा किया कि लोकसभा, विधानसभा और नगर निकाय चुनावों में शानदार प्रदर्शन के बाद भाजपा पंचायत चुनावों में भी ऐतिहासिक जीत दर्ज करेगी। भट्ट ने कहा कि पार्टी की योजना है कि लगभग सभी प्रधान और बीडीसी सीटों पर पार्टी के कार्यकर्ता मैदान में उतरें और जीत दर्ज करें।
पंचायत चुनाव बना राजनीतिक शक्ति प्रदर्शन का मंच
उत्तराखंड में पंचायत चुनाव अब केवल स्थानीय निकायों के गठन की प्रक्रिया नहीं, बल्कि भाजपा और कांग्रेस के बीच राजनीतिक ताकत की सीधी टक्कर बन चुके हैं। एक तरफ भाजपा संगठनात्मक मजबूती और योजनाओं की उपलब्धियों पर चुनाव लड़ रही है, वहीं कांग्रेस जनसमस्याओं और सरकारी नाकामियों को मुद्दा बनाकर मैदान में उतरी है। आने वाले दिनों में यह टक्कर और भी तीखी होती नजर आ सकती है।