भारत में इलेक्ट्रिक कार निर्माण नहीं करेगा टेस्ला, केंद्र सरकार ने नई ईवी नीति की जानकारी दी
नई दिल्ली – केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री एचडी कुमारस्वामी ने सोमवार को स्पष्ट किया कि अमेरिकी इलेक्ट्रिक वाहन कंपनी टेस्ला भारत में इलेक्ट्रिक कारों का निर्माण नहीं करेगी, बल्कि यहां केवल अपना शोरूम और बिक्री नेटवर्क स्थापित करने की योजना बना रही है।
उन्होंने बताया कि भारत सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) विनिर्माताओं को प्रोत्साहित करने के लिए नई ईवी नीति का मसौदा तैयार किया है। इसके तहत कई वैश्विक ईवी निर्माता कंपनियों ने भारत में उत्पादन को लेकर रुचि दिखाई है।

नई ईवी नीति के प्रमुख बिंदु:
- न्यूनतम निवेश: इच्छुक कंपनियों को भारत में कम से कम ₹4,150 करोड़ (लगभग 500 मिलियन डॉलर) का निवेश करना होगा।
- स्थानीय विनिर्माण की अनिवार्यता: कंपनियों को भारत में न्यूनतम 50% घरेलू उत्पादन करना होगा।
- आयात की छूट:
- मूल्य ₹35,000 (USD) तक की ई-कारों को 15% सीमा शुल्क पर आयात करने की अनुमति होगी।
- यह सुविधा अधिकतम पांच वर्षों के लिए दी जाएगी।
- हर साल अधिकतम 8,000 वाहनों के आयात की अनुमति होगी।
- यदि किसी वर्ष निर्धारित संख्या से कम वाहन आयात होते हैं, तो उन्हें अगले वर्षों में स्थानांतरित किया जा सकेगा।
पर्यावरण और निवेश को मिलेगा बढ़ावा:
मंत्री ने बताया कि यह योजना भारत को वैश्विक ईवी विनिर्माण केंद्र बनाने की दिशा में एक मजबूत कदम है। इससे वर्ष 2070 तक नेट-ज़ीरो कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य को हासिल करने में भी मदद मिलेगी।
इस योजना के तहत, कंपनियों द्वारा नए प्लांट, मशीनरी, उपकरण, अनुसंधान एवं विकास और संबंधित सुविधाओं पर किया गया निवेश मान्य होगा। केवल भूमि पर खर्च किया गया पूंजी निवेश इसमें शामिल नहीं किया जाएगा, हालांकि मुख्य संयंत्र की इमारतों पर किया गया खर्च (यदि कुल निवेश का 10% से कम हो) उसमें शामिल होगा।
तीन वर्षों में उत्पादन शुरू करना अनिवार्य:
इच्छुक कंपनियों को तीन वर्षों के भीतर भारत में उत्पादन संयंत्र शुरू करना होगा। आवेदन प्रक्रिया जल्द ही ऑनलाइन शुरू की जाएगी, जिससे वैश्विक ईवी निर्माता भारत में निवेश के लिए आवेदन कर सकें।