मानसून 2025 की तैयारी पर मुख्यमंत्री का निर्देश: आपदा प्रबंधन में समन्वय और तत्परता जरूरी
उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा शनिवार को आयोजित कार्यशाला में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मानसून 2025 के लिए संबंधित विभागों और अधिकारियों से समन्वय बनाकर काम करने का आह्वान किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदाओं से प्रभावी निपटने के लिए हमें प्रोएक्टिव और रिएक्टिव दोनों प्रकार की रणनीतियों को अपनाना होगा। उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि 2024 में गौरीकुंड में बादल फटने की घटना के दौरान समय पर प्रोएक्टिव रुख अपनाकर हजारों लोगों की जान बचाई गई थी। इसी प्रकार, कटहरी जनपद के तोली गांव में भूस्खलन की आशंका पर प्रशासन की तत्परता से 200 लोगों की जान समय रहते बचाई जा सकी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्वानुमान पर गंभीरता से कार्य करने से आपदाओं के प्रभाव को काफी हद तक कम किया जा सकता है। राज्य में रैपिड रिस्पॉन्स टीम के गठन के साथ-साथ ड्रोन सर्विलांस, जीआईएस मैपिंग और सैटेलाइट मॉनिटरिंग के माध्यम से आपदा संभावित जोखिम क्षेत्रों की पहचान की जा रही है।

कार्यक्रम में प्रमुख सचिव आर. के. सुधांशु, सचिव शैलेश बगौली, प्रमुख वन संरक्षक धनंजय मोहन सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी व विशेषज्ञ उपस्थित थे। जिलों से भी अधिकारी वर्चुअली कार्यशाला से जुड़े।