उत्तराखंड कैबिनेट ने योग नीति 2025 को दी मंजूरी, 13 हजार रोजगार और 5 नए योगा हब बनाए जाएंगे
उत्तराखंड सरकार ने राज्य को योग और वेलनेस की वैश्विक राजधानी बनाने की दिशा में एक बड़ी पहल करते हुए उत्तराखंड योग नीति 2025 को मंजूरी दे दी है। इस नई नीति से प्रदेश में 13 हजार से अधिक रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे।
नीति के तहत:
- 2500 योग प्रशिक्षकों को योग सर्टिफिकेशन बोर्ड से प्रमाणन मिलेगा।
- 10 हजार से अधिक योग प्रशिक्षकों को होम स्टे और होटलों में रोजगार मिलेगा।
- योग और ध्यान केंद्रों को बढ़ावा देने के लिए पहाड़ी क्षेत्रों में अधिकतम 20 लाख और मैदानी क्षेत्रों में 10 लाख तक की सब्सिडी दी जाएगी।
- उत्तराखंड को योग और वेलनेस की वैश्विक राजधानी के रूप में विकसित किया जाएगा।
- अंतरराष्ट्रीय योग एवं आध्यात्मिक केंद्र स्थापित किए जाएंगे।
राज्य सरकार की योजना के अनुसार, नए योग संस्थानों को गुणवत्ता, मान्यता, और संचालन के लिए स्पष्ट दिशानिर्देशों के साथ संचालित किया जाएगा।
बड़े फैसले और संरचनात्मक प्रावधान:
- योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा निदेशालय की स्थापना की जाएगी, जो नीति के संचालन, निगरानी और अनुदान वितरण आदि कार्यों का जिम्मा संभालेगा।
- निदेशालय में निदेशक, संयुक्त निदेशक, उप निदेशक, योग विशेषज्ञ, और प्रशासनिक अधिकारी तैनात किए जाएंगे।
- योग प्रमाणन बोर्ड को प्रमाणीकरण की प्राथमिकता दी जाएगी, जिससे योग अनुदेशकों की गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सके।
- हर साल 500 योग्य योग प्रशिक्षकों को प्रमाणन शुल्क में छूट दी जाएगी।
निवेश और बजट:
- इस नीति के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए 5 वर्षों में ₹35 करोड़ का व्यय प्रस्तावित है:
- योग केंद्रों पर ₹25 करोड़
- अनुसंधान पर ₹1 करोड़
- प्रमाणन प्रक्रिया पर ₹1.81 करोड़
- मौजूदा संस्थानों में सहयोग के लिए ₹7.5 करोड़
शोध और स्टार्टअप को प्रोत्साहन:
- योग, ध्यान और प्राकृतिक चिकित्सा के क्षेत्र में शोध के लिए 10 लाख रुपये तक की सब्सिडी प्रति प्रोजेक्ट दी जाएगी।
- योग स्टार्टअप्स को प्रोत्साहन देने के लिए भी विशेष योजना लाई जाएगी।
पांच नए योगा हब बनेंगे:
2030 तक उत्तराखंड में पांच प्रमुख योगा हब स्थापित किए जाएंगे:
- जागेश्वर
- मुक्तेश्वर
- व्यास घाटी
- टिहरी झील
- कोलीढेक झील
इन क्षेत्रों में विकसित किए जाने वाले योग केंद्रों को प्राथमिकता दी जाएगी।
अन्य विशेष प्रावधान:
- 2026 तक राज्य के सभी आयुष हेल्थ और वेलनेस सेंटर्स में योग सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
- सामुदायिक माइंडफुलनेस प्रोग्राम शुरू किए जाएंगे, जो सभी आयु, लिंग और वर्ग के लोगों को ध्यान में रखकर बनाए जाएंगे।
- स्कूलों, कॉलेजों, होमस्टे, रिसॉर्ट्स और होटलों में योग केंद्र स्थापित करने पर प्रति प्रशिक्षक ₹250 प्रतिदिन का भुगतान किया जाएगा।
- ऑनलाइन योग प्लेटफॉर्म लॉन्च किया जाएगा, जिससे दुनियाभर के लोग उत्तराखंड के प्राकृतिक स्थलों से लाइव योग सत्र में भाग ले सकें।
- सभी योग संस्थानों को पंजीकरण अनिवार्य किया जाएगा और राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय सहयोग के लिए MoU किए जाएंगे।
- 2028 तक 15-20 राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के साथ भागीदारी विकसित की जाएगी।
- अंतरराष्ट्रीय योग सम्मेलनों का आयोजन भी राज्य में किया जाएगा।
इस नीति के माध्यम से उत्तराखंड, योग को न केवल रोजगार और पर्यटन का माध्यम बनाएगा, बल्कि इसे सामाजिक कल्याण और वैश्विक पहचान की दिशा में भी लेकर जाएगा।