गोल्डन कार्ड योजना में होंगे अहम बदलाव, सरकारी कर्मचारियों और पेंशनधारकों को मिलेगी राहत
देहरादून। सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स को गोल्डन कार्ड योजना के तहत दी जाने वाली कैशलेस इलाज सुविधा को बेहतर बनाने के लिए सरकार बड़े बदलाव करने जा रही है। मंगलवार को स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत की अध्यक्षता में आयोजित उच्च स्तरीय बैठक में यह निर्णय लिया गया।
बैठक के दौरान स्वास्थ्य मंत्री ने प्रमुख सचिव और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि योजना से जुड़ी समस्याओं को शीघ्र दूर किया जाए, ताकि सरकारी कर्मचारी और पेंशनर्स बिना परेशानी इलाज की सुविधा प्राप्त कर सकें।
दरअसल, राज्य के कई निजी अस्पतालों ने बकाया भुगतान न मिलने के चलते गोल्डन कार्ड के तहत इलाज करने से इनकार कर दिया है। इसके चलते मरीजों को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। बताया गया है कि अस्पतालों का लगभग 150 करोड़ रुपये बकाया है, जिसकी वजह से नए मरीजों को भर्ती करने से मना किया जा रहा है।
तीन प्रमुख प्रस्तावों पर विचार
राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण ने योजना में सुधार के लिए तीन बड़े प्रस्ताव दिए हैं — गैप फंडिंग, थर्ड पार्टी बीमा और प्रीमियम में बढ़ोतरी। इन प्रस्तावों पर जल्द निर्णय लेकर कैबिनेट में पेश किया जाएगा।
गौरतलब है कि इस योजना से प्रदेश के तीन लाख से अधिक कर्मचारी और पेंशनर्स जुड़े हुए हैं। लेकिन कई निजी अस्पतालों द्वारा इलाज बंद किए जाने से योजना की विश्वसनीयता पर असर पड़ा है।
सरकार की कोशिश है कि जल्द से जल्द सुधार कर योजना को फिर से प्रभावी बनाया जाए, ताकि लाभार्थियों को बिना किसी रुकावट के इलाज की सुविधा मिलती रहे।