IIT ROORKE: यौन उत्पीड़न की शिकायत पर बर्खास्त प्रो. जलालुद्दीन खान
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) रुड़की में पीएचडी कर रही एक छात्रा द्वारा दर्ज कराई गई यौन उत्पीड़न की शिकायत पर जांच के बाद संस्थान के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स (BoG) ने कड़ा फैसला लेते हुए संबंधित प्रोफेसर को बर्खास्त कर दिया है। इस निर्णय की पुष्टि संस्थान की वरिष्ठ जनसंपर्क अधिकारी सोम्या श्रीवास्तव ने की है।
जानकारी के अनुसार, प्रबंधन अध्ययन विभाग के वरिष्ठ प्रोफेसर जलालुद्दीन खान, जो स्ट्रैटेजिक मैनेजमेंट पढ़ा रहे थे, के खिलाफ पीएचडी छात्रा ने बीते जनवरी में यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत की गंभीरता को देखते हुए संस्थान ने तत्काल जांच समिति गठित की और आरोपी प्रोफेसर का पक्ष भी सुना गया।
जांच के निष्कर्षों को BoG की बैठक में प्रस्तुत किया गया, जहां सभी तथ्यों पर विचार के बाद प्रोफेसर की सेवा समाप्त करने का निर्णय लिया गया। यह आईआईटी रुड़की के इतिहास में पहला मामला है जिसमें किसी स्थायी फैकल्टी सदस्य को यौन उत्पीड़न के आरोप में बर्खास्त किया गया है।
बताया गया है कि प्रो. जलालुद्दीन खान ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से पीएचडी की थी और उनके मार्गदर्शन में लगभग 15 शोधार्थी कार्य कर रहे थे। संस्थान ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए यह स्पष्ट संदेश दिया है कि यौन उत्पीड़न जैसे मामलों में कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
जनवरी में हुई थी शिकायत, कमेटी ने छात्रा के आरोपों की पुष्टि की
पीएचडी कर रही छात्रा ने प्रोफेसर पर जनवरी में शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाया था। इसके बाद संस्थान की आंतरिक जांच समिति ने मामले की जांच शुरू की। अब समिति की रिपोर्ट में छात्रा द्वारा लगाए गए आरोपों की पुष्टि हो चुकी है। रिपोर्ट मिलने के बाद संस्थान की प्रबंधन टीम ने इस पर सख्त रुख अपनाया और बोर्ड ऑफ गवर्नर्स की बैठक में प्रोफेसर की बर्खास्तगी को मंजूरी दे दी।
सोमवार को लिया गया निर्णय, पहली बार बर्खास्त किया गया प्रोफेसर
आईआईटी रुड़की में इससे पहले भी महिला उत्पीड़न से जुड़े मामले सामने आए हैं, लेकिन यह पहला अवसर है जब किसी आरोपी प्रोफेसर के खिलाफ इतनी कड़ी कार्रवाई की गई है। मंगलवार को जारी आधिकारिक बयान में संस्थान ने स्पष्ट किया कि आरोपों की गहन जांच के बाद संबंधित फैकल्टी सदस्य को बर्खास्त कर दिया गया है।
आईआईटी के एक वरिष्ठ प्रोफेसर ने बताया कि संस्थान के इतिहास में यह पहली बार है जब किसी स्थायी फैकल्टी सदस्य को यौन उत्पीड़न के आरोप में सेवा से हटाया गया है। प्रोफेसर को सोमवार को बर्खास्त किया गया। उस समय उनके अधीन 15 से अधिक पीएचडी छात्र-छात्राएं शोध कार्य कर रहे थे।