एशियाई साइक्लिंग में भारत का ऐतिहासिक प्रदर्शन: उत्तराखंड की अवनी दरियाल ने कांस्य पदक जीत रचा इतिहास
चीन के गुइझोउ में आयोजित एमटीवी एशियन कॉन्टिनेंटल चैंपियनशिप 2025 में भारत ने पहली बार इतिहास रचते हुए टीम इवेंट में कांस्य पदक अपने नाम किया है। खास बात यह रही कि इस जीत में उत्तराखंड की 15 वर्षीय बेटी अवनी दरियाल ने शानदार प्रदर्शन करते हुए अहम भूमिका निभाई।
भारत की ओर से यह पहली माउंटेन बाइकिंग उपलब्धि है, जिससे देशभर में और विशेष रूप से उत्तराखंड में गर्व और उत्साह का माहौल है। अवनी टीम की सबसे कम उम्र की सदस्य थीं, लेकिन उनकी मेहनत और लगन ने पूरे देश का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया।
भारतीय साइक्लिंग टीम की कोच पूनम राणा, जो मूल रूप से मुक्तेश्वर की निवासी हैं, के नेतृत्व में भारत ने यह ऐतिहासिक पदक हासिल किया। अवनी की इस उपलब्धि पर उत्तराखंड साइक्लिंग संघ के अधिकारियों और कोचों ने उन्हें बधाई दी है, जिनमें कोषाध्यक्ष विमल चौधरी, महासचिव एडवोकेट देवेश पांडेय, और कोच मनीष वर्मा शामिल हैं।

अवनी का सपना, माँ का समर्पण
अवनी की माँ प्रतिभा दरियाल ने बताया कि मूलतः पिथौरागढ़ की रहने वाली हैं, लेकिन बेटी के सपनों को पूरा करने के लिए वह हल्द्वानी में किराये के मकान में रह रही हैं, क्योंकि पूरे कुमाऊं में केवल वहीं साइक्लिंग का कैंप चलता है।
अवनी पहले रोड साइक्लिंग में भी हिस्सा ले चुकी हैं, जहाँ उन्होंने सीधे राज्यस्तरीय स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतकर राष्ट्रीय खेलों के लिए चयन हासिल किया था। इसके अलावा वे कथक नृत्य की प्रशिक्षित छात्रा भी हैं।

नन्हीं चैंपियन की उपलब्धियां
अवनी ने माउंटेन बाइकिंग की कई राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में स्वर्ण और रजत पदक जीते हैं, और अब एशियाई चैंपियनशिप में कांस्य पदक के साथ वह देश की सबसे उभरती साइक्लिंग स्टार बन चुकी हैं।