उत्तराखंड रोडवेज: गुड गवर्नेंस की दिशा में नए उच्चाईयों की ओर
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकार की गुड गवर्नेंस की पहचान उत्तराखंड रोडवेज (परिवहन निगम) ने धरातल पर उतरकर राज्य में नई दिशा को प्रस्तुत की है। निगम ने धामी सरकार के ढाई साल में मात्र 20 महीनों में 56 करोड़ का लाभ हासिल करते हुए, राज्य के परिवहन क्षेत्र में नई ऊँचाईयों को प्राप्त किया है। इस महत्वपूर्ण क्षण पर, मुख्यमंत्री ने आज सचिवालय में परिवहन निगम के सचिव श्री अरविंद सिंह ह्यांकी और प्रबंध निदेशक डॉ आनंद श्रीवास्तव को प्रशस्ति पत्र सहित सम्मानित किया है।
उत्तराखंड रोडवेज ने 2003 में उत्तरप्रदेश से अलग होकर राज्य के परिवहन निगम की स्थापना की थी और इसके बाद से ही निगम ने यूपी से 957 बसों को शामिल करके अपने हिस्से में जोड़ा। नए राज्य में परिवहन की नई व्यवस्था के साथ निगम ने अच्छा प्रदर्शन किया, लेकिन अनेक समस्याओं का सामना भी किया। खतरनाक बसें, खराब सड़कें, व्यवस्थाओं की कमी और यूपी की देनदारी के कारण निगम ने लगातार घाटे में चलना जारी रखा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकार ने इस समय में कठिनाईयों का सामना किया और सभी विभागों को गुड गवर्नेंस के साथ काम करने का आदान-प्रदान किया। इसका परिणामस्वरूप 2022 में परिवहन निगम ने 520 करोड़ के घाटे के बावजूद रिकॉर्ड 29 करोड़ का लाभ प्राप्त किया। निगम ने इस सफलता के साथ ही 2023 में भी करीब 27 करोड़ का लाभ कमाया और राज्य में गुड गवर्नेंस का एक बड़ा उदाहरण प्रस्तुत किया। इस उत्कृष्ट प्रदर्शन से निगम के सफलता के बाद, राज्य के अन्य विभागों को भी प्रेरित होकर नई दिशा की ओर कदम बढ़ाने का आशा है।
330 नई बसें जल्द होंगी शामिल
उत्तराखंड परिवहन निगम के पास वर्तमान में 1350 बसें हैं, जिनका संचालन राज्य के भीतर और बाहर किया जा रहा है। खासकर, दिल्ली रूट पर 151 सीएनजी युक्त बसें चल रही हैं। आने वाले समय में 200 सीएनजी बसें पहाड़ और मैदानी रूट पर संचालन के लिए खरीदी जाने की योजना है। साथ ही, पहाड़ी मार्गों के लिए 130 बसों को भी खरीदने की प्रक्रिया जारी है। इससे राज्य की परिवहन व्यवस्था में सुधार के आधार पर रोडवेज को नई ऊँचाईयों को हासिल करने का एक और कदम मिलेगा।
8 स्टेशनों में सुधार, 13 पर काम जारी
उत्तराखंड में परिवहन व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए निगम लगातार काम कर रहा है और खासकर घाटे से उभरते हुए निगम ने 8 बस स्टेशनों को सुधार कर दिया है। इसके अलावा, 13 बस स्टेशनों का काम प्रगति पर है। हरिद्वार, ऋषिकेश, हल्द्वानी और काठगोदाम में 4 आईएसबीटी प्रस्तावित हैं, जबकि श्रीनगर, कोटद्वार, रुड़की, रानीखेत, काशीपुर में पांच वर्कशॉप्स की योजना है।
यह उत्तराखंड में पहली बार है जब परिवहन निगम घाटे से बाहर निकलकर ऊँचाईयों को हासिल कर रहा है। इससे निगम के कर्मचारियों को वेतन से लेकर सेवाओं में सुधार और व्यवस्थाओं में सुरक्षिती हो रही है। अब आने वाले समय में नए रूट्स और बसें धरातल पर उतरी जाएंगी।
डॉ आनंद श्रीवास्तव, एमडी परिवहन निगम
सरकार पहले दिन से ही गुड गवर्नेंस के सिद्धांतों पर अमल कर रही है। इस अवसर पर निगम ने सफलता प्राप्त करते हुए गुड गवर्नेंस का उदाहरण स्थापित किया है। परिवहन निगम का सीधे संपर्क में होने के कारण सरकार लोगों को सुविधाएं प्रदान करने में सक्षम हो रही है और इसे सुधारने का कार्य किया जा रहा है।